पूर्णिया में चल रहा था ऑनलाइन ठगी का खेल: दूसरे राज्यों का केवाला डाउनलोड कर आधार नंबर और फिंगरप्रिंट नोट करते थे, खाते से होती थी अवैध निकासी

पूर्णिया (बिहार) ◆ पूर्णिया के अमौर से साइबर ठगी गैंग के 2 शातिर अपराधियों को ने गिरफ्तार किया है। शातिर साइबर ठग संगठित गिरोह बनाकर बैंक खाते से अवैध निकासी करते थे। पकड़े गए साइबर ठगों के पास से अमौर पुलिस ने 3 लैपटॉप, 3 मोबाइल, रबड़ से बना 11 फिंगरप्रिंट, फिंगरप्रिंट स्कैनर आधार नंबर लिखा हुआ कागज का पेज जब्त किया है। वहीं पुलिस गिरफ्त में शातिर साइबर ठगों की पहचान सरवन कुमार राय पिता राजेंद्र राय तो वहीं दूसरे की पहचान रानी कुमार पिता बिंदेश्वर विश्वास के रूप में हुई है। दोनों अमौर थाना के छपरैली गांव के रहने वाले हैं। अमौर थाना में प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए बायसी एसडीपीओ आदित्य कुमार ने बताया कि उन्हें गुप्त सूचना मिली कि छपरैली गांव में कुछ लोग संगठित होकर साइबर अपराध को अंजाम दे रहे हैं। प्राप्त सूचना के आधार पर बायसी के अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी आदित्य कुमार के नेतृत्व में पुलिस उपाधीक्षक चंद्रभूषण, अमौर थानाध्यक्ष अमौर राजीव कुमार आजाद, अमौर अपर थानाध्यक्ष अयोध्या राम, रंजीत कुमार, कमल कुमार, सुरेंद्र मोहन विश्वास व थाना सशस्त्र बल के अन्य पुलिसकर्मी के सहयोग से छपरैली गांव में अलग-अलग जगहों पर छापेमारी करते हुए 2 साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया गया है। पूछताछ में साइबर ठगों ने बताया है कि कि उन लोगों का एक संगठित गिरोह है। इस गिरोह में कई सदस्य कार्य करते हैं। वह लोग दूसरे राज्य का केवाला डाउनलोड करके उससे लोगों का आधार नंबर और फिंगर प्रिंट हासिल कर फर्जी तरीके से रबर के सीट पर डुप्लीकेट फिंगरप्रिंट बनाकर खाते से अवैध तरीके से पैसे की निकासी कर रहे थे। इसका भांडा मंगलवार को फूट गया। शातिर साइबर ठगों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है। शातिर ठगों के नेटवर्क खंगाले जा रहे हैं।

रिपोर्टिंग
सुनिल कुमार यादव
स्टेट ब्यूरो चीफ, बिहार

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