अररिया (बिहार) ◆सहकारिता के क्षेत्र में आत्मनिर्भर ग्रामीण अर्थव्यवस्था की दिशा में बड़ा कदम उठाया गया है। अररिया में सहकारिता विभाग की योजनाएं तेजी से लागू की जा रही हैं। जिला सहकारिता पदाधिकारी रामजी राय ने इसकी जानकारी दी है। गुरुवार को जिला प्रशासन के फेसबुक पेज पर आयोजित लाइव सत्र में उन्होंने इसकी जानकारी दी।जिला प्रशासन के फेसबुक पेज पर यह सत्र लोगों द्वारा व्यापक रूप से देखा गया। इससे सहकारिता योजनाओं को लेकर लोगों में उत्सुकता और जागरूकता बढ़ी है।रामजी राय ने बताया कि जिले की प्रत्येक पंचायत में कुल 218 प्राथमिक कृषि ऋण सहकारी समितियां (पैक्स)कार्यरत हैं। ये समितियां किसानों को ऋण, बीज, उर्वरक और तकनीकी सहायता उपलब्ध कराने के साथ-साथ उन्हें सहकारिता से जोड़ने का कार्य कर रही हैं।प्रत्येक प्रखंड में 9 व्यापार मंडल और 9 मत्स्य जीवी समितियां गठित की गई हैं। इसके अतिरिक्त, हर प्रखंड में एक-एक प्राथमिक सब्जी सहकारिता समिति का भी गठन किया गया है। इन समितियों का यूनियन निर्माण प्रक्रिया में है, जिससे उनकी कार्यक्षमता और समन्वय को और मजबूती मिलेगी।सब्जी सहकारिता समितियां किसानों को तकनीकी सहायता,गुणवत्तापूर्ण बीज, और विपणन की सुविधा उपलब्ध कराएंगी।इससे किसानों की उपज की बाजार तक सीधी पहुंच सुनिश्चित होगी और आय में वृद्धि संभव हो सकेगी।सहकारिता पदाधिकारी ने बताया कि पैक्स की सदस्यता लेने के लिए न्यूनतम आयु 18 वर्ष होनी चाहिए और व्यक्ति को संबंधित पैक्स के कार्य क्षेत्र में निवास करना अनिवार्य है।आवेदन ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों माध्यमों से किया जा सकता है।रामजी राय ने ग्रामीणों से सहकारिता योजनाओं का लाभ
उठाने और सदस्य बनकर आर्थिक रूप से सशक्त बनने की अपील की। उन्होंने कहा कि सहकारिता आंदोलन ग्रामीण विकास का सशक्त माध्यम है, और इससे जुड़कर किसान और ग्रामीण अपनी आर्थिक स्थिति को बेहतर बना सकते हैं।
रिपोर्टिंग
टिंकू दास गुप्ता
असिस्टेंट स्टेट ब्यूरो चीफ, बिहार