अररिया (बिहार) ◆अररिया सदर अस्पताल की पुरानी बिल्डिंग में गुरुवार की दोपहर आग लग गई। आग लगने के बाद पूरे अस्पताल परिसर में अफरा तफरी मच गयी। मरीजों और परिजनों में भगदड़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई।जैसे-तैसे अपनी जान बचाकर लोग भागने लगे।बिजली के शॉर्ट सर्किट से आग लगने की आशंका जतायी जा रही। अखी सिविल सर्जन ऑफिस के स्टोर रूम में से उठी स्टोर रूम जलकर पूरी तरह से राख हो गया। जबकि बिल्डिंग के दूसरे हिस्से में सिविल सर्जन का कार्यालय है। तुरंत बिल्डिंग को पूरी तरह से खाली किया गया।बताया गया कि दोपहर करीब तीन बजे अररिया सदर अस्पताल के सिविल सर्जन ऑफिस के स्टोर रूम में भयंकर आग लग गई।चंद मिनटों में पूरा अस्पताल धुएं से भर गया। मरीजों में चीख-पुकार मच गई। आईसीयू, इमरजेंसी और वार्ड में अफरा-तफरी का माहौल बन गया।अररिया के अलावा फारबिसगंज व पूर्णिया से दमकल की गाड़ियां बुलाई गयी।इसके बाद करीब दो घण्टे की कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया गया।कई मरीजों को तुरंत सुरक्षित स्थान पर शिफ्ट किया गया। गनीमत रही कि कोई बड़ा जान माल का नुकसान नहीं हुआ। आधे घण्टे देर से पहुंची फायर ब्रिगेड टीम, लोगों ने जताया नारजगी: सदर अस्पताल की बिल्डिंग में आग लगने की सूचना मिलने के बावजूद फायर ब्रिगेड की टीम आधे घण्टे देर से पहुंचने पर लोगों ने नाराजगी जताई।दमकल की गाड़ियां देर से पहुंचने की वजह से आग की लपटें तेज होती गईं। स्थानीय लोगों ने पानी और बाल्टी की मदद से आग बुझाने की कोशिश की। इसके बाद फायर ब्रिगेड टीम के साथ एसडीआरएफ की टीम के साथ स्थानीय लोगों की कड़ी मेहनत के बाद करीब दो घण्टे बाद आग पर काबू पाया गया।हालांकि अगलगी की इस घटना में किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है। लेकिन अस्पताल में मौजूद मरीज और उनके परिजनों में अफरा तफरी मची रही। पुराने भवन से धुआं उठता देख कई लोग इमारत से बाहर की ओर भागे।स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया कि अस्पताल प्रशासन और जिला प्रशासन की ओर से आग लगने की स्थिति में तत्काल कार्रवाई नहीं की गई। यदि अस्पताल प्रशासन तुरंत सक्रिय होती तो नुकसान कम हो सकता था। सदर अस्पताल के पुरानी बिल्डिंग में लगी आग की सूचना के बाद अस्पताल पहुंचे एसडीओ अनिकेत कुमार के साथ वहां मौजूद भीड़ द्वारा धक्का मुक्की किए जाने की बात सामने आई है। हालांकि उन्होंने इससे इंकार किया है। कहा कि अत्यधिक भीड़ के कारण परेशानी हुई। दरअसल आग लगने की सूचना पर सदर अस्पताल में सैकड़ो की भीड़ जमा थी। दमकल कर्मियों और आग बुझाने में लगे लोगों को हो रही परेशानियों को देखते हुए एसडीओ खुद से भीड़ हटाने लगे। इसी दौरान भीड़ ने उन्हें खदेड़ दिया। हालांकि एसडीओ वहां से निकलकर सदर अस्पताल के नई बिल्डिंग में चले गए। इसके बाद भीड़ वापस लौटी। दवा,फर्नीचरजेनरेटर व अन्य सामग्री आग में जल कर राख जिला अस्पताल के मुख्य दवा भंडार में लगी आग से भारी मात्रा में दवाएं सहित फर्नीचर,जेनरेट और सामान जलकर राख हो गया। बुची-खुची दवाएं आग बुझाने के लिए पानी की बौछार में चौपट हो गईं। फौरीतौर पर आग लगने की वजह शार्ट सर्किट बताया जा रहा है। हालांकि कितने रुपए की दवाइयां चलकर राख हुई इसका अनुमान नहीं लग पा रहा है। लेकिन बताया गया कि यह दवाइयां जिले के सभी प्रखंडों में स्थित स्वास्थ्य केंद्र, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र व अन्य हेल्थ सेंटरों पर भेजे जाने के लिए स्टोर में रखी गई थी। अनुमान है कि करोड़ों की दवाई आग की भेंट चढ़ गई। जिला अस्पताल परिसर स्थित सीएस कार्यालय के नीचे भूतल पर मुख्य औषधि भंडार में गुरुवार की दोपहर धुआं उठता दिखाई दिया। आधे घंटे बाद घटनास्थल पर पहुंची फायर ब्रिगेज की टीम इसके बाद फायर ब्रिगेड स्टेशन के साथ ही एसडीओ को सूचना दी गयी। करीब आधे घण्टे बाद फायर ब्रिगेड टीम पहुंच गई और बिजली आपूर्ति बंद कर आग बुझाने में जुट गई।इसके बाद एसडीआरएफ की टीम के साथ ही एएसपी रामपुकार सिंह,अग्निशमन के प्रशिक्षु डीएसपी सीमा भारती, अग्निशमन पदाधिकारी धनेश यादव सहित बड़ी संख्या में फायर ब्रिगेड कर्मी पुलिस के जवान और स्थानीय युवाओं ने मोर्चा संभाला और करीब दो घंटे के कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया गया। आग से दवाओं के अलावा खून चढ़ाने के पैकेट,बिलीचिंग पाउडर,ग्लब्स,यूरो बैग व वीगो और ग्लूकोज की बोतलें भी जल कर राख हो गया।
रिपोर्टिंग
टिंकू दास गुप्ता
असिस्टेंट स्टेट ब्यूरो चीफ, बिहार