मानव दुर्व्यापार विरोधी दिवस पर जागरण कल्याण भारती, फारबिसगंज ने बच्चों की सुरक्षा के लिए

अररिया (बिहार) ◆जिलास्तरीय  कोडिनेशन  बैठक। भारत नेपाल सीमा। जोगबनी  में कर  कार्रवाई पर दिया जोर मानव दुर्व्यापार विरोधी दिवस के अवसर पर जागरण कल्याण भारती, फारबिसगंज की पहल पर अररिया जिलास्तर समन्वय बैठक में हुए एक कार्यक्रम में बाल संरक्षण और बाल अधिकारों के क्षेत्र से जुड़े सभी प्रमुख हितधारक एक साथ आए। यह कार्यक्रम भारत - नेपाल सीमा SSB 56BN     कम्पनी। जोगबनी मे किया गया  इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि द्वितीय सेनानायक SSB 56 BN गृह मंत्रालय भारत सरकार बथनाहा  संजीव कुमार, वही अतिथि सहायक निदेशक जिला बाल संरक्षण इकाई अररिया शंभु कुमार रजक, ICP गृह मंत्रालय भारत सरकार जोगबनी के प्रबंधक -रत्नाकर यादव, ICC  स्थानीय शिकायत समिति  अररिया की अध्यक्ष  सुश्री जया प्रकाश दुबे, कार्यपालक पदाधिकारी नगर परिषद जोगबनी - मीनाक्षी कुमारी, उप सेनानायक एस एस भंडारी 56 SSB जोगबनी, बाल सुरक्षा अधिकारी- बबलू कुमार पाल, नगर थाना जोगबनी के। एस आई  मुकेश कुमार और IHHS स्कूल के बच्चे एव शिक्षक - अजय कुमार, नेपाल NGO नव अभियान नेपाल, समुदायिक सेवा प्रहरी केंद्र रानी  नेपाल के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया और एक सुर से स्वीकार किया कि बाल दुर्व्यापार यानी बच्चों की ट्रैफिकिंग से निपटने के लिए सभी एजेंसियों व विभागों को साथ मिलकर कार्रवाई करने की सख्त जरूरत है ताकि ट्रैफिकिंग गिरोहों में कानून का भय पैदा हो सके। जागरण कल्याण भारती, फारबिसगंज, देश में बाल अधिकारों की सुरक्षा व संरक्षण के लिए 250 से भी अधिक नागरिक समाज संगठनों के देश के सबसे बड़े नेटवर्क जस्ट राइट्स फॉर चिल्ड्रेन (जेआरसी) का सहयोगी संगठन है और अररिया में बाल अधिकारों की सुरक्षा के लिए काम कर रहा है। जेआरसी बाल श्रम, बच्चों की ट्रैफिकिंग, बाल विवाह और बाल यौन शोषण के शिकार बच्चों की सुरक्षा और न्याय सुनिश्चित करने के लिए निरंतर कार्य कर रहा है। 
बच्चों की ट्रैफिकिंग से निपटने में कानून प्रवर्तन एजेंसियों के सामने आने वाली वाली चुनौतियों पर चर्चा करते हुए कार्यक्रम में मौजूद अधिकारियों ने सामूहिक रूप से यह माना कि मौजूदा कानूनों के प्रति जागरूकता बढ़ाना, संवेदनशील तबकों को ट्रैफिकिंग गिरोहों और उनके कामकाज के तरीकों के बारे में संवेदनशील बनाना और सभी एजेंसियों के बीच समन्वय को मजबूत करना तत्काल जरूरी है, ताकि मुक्त कराए गए बच्चों के लिए तय समयसीमा में न्याय और पुनर्वास सुनिश्चित किया जा सके। जागरण कल्याण भारती ने पिछले वर्ष के दौरान 3000 बच्चों को बाल श्रम, ट्रैफिकिंग और बाल विवाह से बचाया है। संगठन ने यह रेखांकित किया कि बच्चों की ट्रैफिकिंग केवल बाल मजदूरी या मुनाफे के लिए यौन शोषण तक ही सीमित नहीं है। बहुत से बच्चे, खास तौर से लड़कियां, जबरन विवाह के लिए भी ट्रैफिकिंग का शिकार बनती हैं। यह एक एक ऐसी समस्या है जिसके बारे में कम ही चर्चा की जाती है और रोकथाम के उपायों पर भी ज्यादा बात नहीं होती।बताते चलें कि जुलाई में जागरण कल्याण भारती ने रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) के साथ मिलकर बच्चों की ट्रैफिकिंग के बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए रेलवे स्टेशनों पर अभियान चलाया। चूंकि ट्रैफिकिंग गिरोह अक्सर बच्चों को दूसरे राज्य ले जाने के लिए रेल मार्ग का उपयोग करते हैं, इसलिए इस अभियान का फोकस यात्रियों, रेल कर्मियों, विक्रेताओं, दुकानदारों और कुलियों को बाल तस्करी के संकेतों की पहचान करने और संदिग्ध मामलों की सुरक्षित रूप से रिपोर्ट करने के लिए संवेदनशील बनाना था।बच्चों की सुरक्षा के लिए सभी हितधारकों के बीच तालमेल व समन्वय की अहमियत और जिला प्रशासन के सहयोग को रेखांकित करते हुए जागरण कल्याण भारती के अध्यक्ष संजय कुमार , ने कहा, “अगर बच्चों की ट्रैफिकिंग रोकना है तो कानूनी कार्रवाई जरूरी है। बाल दुर्व्यापारियों को जब शीघ्र और सख्त सजा मिलेगी, तभी हम उनमें कानून का भय पैदा कर पाएंगे और यह भय ट्रैफिकिंग की रोकथाम के लिए सबसे असरदार उपाय साबित होगा। रोकथाम अभियानों की सफलता के लिए जिले में मजबूत प्रशासनिक समन्वय और समयबद्ध कानूनी कार्रवाई आवश्यक है। इस तरह से काम कर हम न सिर्फ बच्चों की सुरक्षा बल्कि उन ट्रैफिकिंग गिरोहों के नेटवर्क का भी खात्मा कर सकेंगे जो बच्चों का शिकार करते हैं।” क्रार्यक्रम का संचालन जागरण कल्याण भारती फारबिसगंज के अध्यक्ष संजय कुमार ने किया वही क्रार्यक्रम को सफल बनाने में दीपक कुमार पासवान ,सोनु कुमार , अंकुश कुमार यादव , अजय कुमार राम ने अहम भूमिका निभाई, धन्यवाद ज्ञापन आर पी एफ के प्रभारी ए तिवारी ने की

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