अररिया (बिहार) ◆अररिया, 30 अगस्त 2025 उर्दू निदेशालय, मंत्रिमंडल सचिवालय विभाग, बिहार पटना के दिशा निर्देश में जिला प्रशासन अररिया एवं जिला उर्दू भाषा कोषांग, अररिया के संयुक्त तत्वावधन में फरोग-ए उर्दू सेमिनार, मुशायरा एवं कार्यशाला का आयोजन टाउन हॉल अररिया में किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन जिला पदाधिकारी अररिया श्री अनिल कुमार एवं उपस्थित पदाधिकारियों सहित अन्य गणमान्य लोगों द्वारा दीप प्रज्वलित कर किया गया। इससे पूर्व सभी पदाधिकारियों एवं अतिथियों को पुष्प गुच्छ से स्वागत कर, उन्हें शाल भेंट कर सम्मानित भी किया गया। इस अवसर पर जिला भू-अर्जन पदाधिकारी अररिया श्री वसीम अहमद, सहायक निदेशक जिला समाजिक सुरक्षा कोषांग अररिया श्री दिलीप कुमार, प्रभारी पदाधिकारी, जिला उर्दू भाषा कोषांग अररिया श्री जुल्फक्कार अली आदि उपस्थित थे।उद्घाटन सत्र के उपरांत जिला उर्दू भाषा कोषांग की ओर से प्रकाशित होने वाले वार्षिक पत्रिका जिला उर्दू नामा अररिया का विमोचन किया गया।कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जिला पदाधिकारी अररिया ने कहा कि उर्दू वास्तव में मिठास एवं भाईचारा की भाषा है। यह अनेकता में एकता का प्रतीक है। उर्दू भाषा कोषांग इस प्रकार के कार्यक्रम के आयोजन के लिए प्रशंसा का पात्र है। उन्होंने इस प्रकार का कार्यक्रमों का आयोजन जिला से लेकर अनुमंडल, प्रखंड एवं विद्यालय स्तर पर भी किये जाने पर बल दिया।कार्यक्रम के पहले सत्र का आयोजन फरोग-ए-उर्दू सेमिनार के रूप में किया गया। इस सत्र में आलेख-पाठक के रूप में जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान फारबिसगंज के प्राचार्य श्री आफताब आलम ने सार्वजनिक स्तर पर उर्दू भाषा के विकास में उत्पन्न होने वाली समस्याओं एवं उनके समाधान के विषय पर, पिपुल्स कॉलेज अररिया के प्राचार्य श्री इनायतुल्लाह नदवी ने सरकारी स्तर पर उर्दू भाषा के विकास, मदरसा इस्लामिया यतीमखाना अररिया के शिक्षक श्री हुमायूं इकबाल नदवी ने प्राथमिक एवं माध्यमिक स्तर पर उर्दू भाषा के शिक्षण विषय पर अपने आलेख प्रस्तुत किये। प्रतिनिधिगण के रूप में सम्मिलित होने वाले पत्रकार श्री परवेज आलम ने अररिया जिला में उर्दू का विकास, प्रधान शिक्षक श्री मुशीर आलम ने उर्दू भाषी छात्रों के लिए रोजगार के अवसर एवं शिक्षक श्री जफर रहमानी ने उर्दू शिक्षकों की जिम्मेदारियों के विषय पर अपने विचार व्यक्त किये। कार्यक्रम के दौरान छात्राओं क्रमशः उजमा परवीन, ऐमन आयशा, सदा आजाद एवं सदफ आजाद ने एक से बढ़ कर एक गजल एवं कविताएं प्रस्तुत कर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया।
इस कार्यक्रम के दूसरे सत्र में मुशायरा का आयोजन किया गया। मुशायरा में क्षेत्रीय एवं राज-स्तरीय दोनों स्तर के कवियों ने भाग लिया, जिसमें मुख्य रूप से तारीक बिन साकिब, अरशद अनवर अलिफ, अब्दुल बारी जख्मी, खुर्शीद कमर, खातिब हैदर, मो० जुनेद आलम, मो० अत्ताउल्लाह, मुश्ताक अंजुम, फैयाज रही एवं शंकर कैमुरी के शामिल हैं। सभी कवियों ने खूब तालियां बटोरीं विशेष रूप से शंकर कैमुरी की गजलों को श्रोताओं ने खूब पसंद किया।इस कार्यक्रम का तीसरे व अंतिम सत्र में उर्दू कार्यशाला आयोजित किया गया। जिसमें जिला के सभी प्रखंड से आए शिक्षकगण सम्मिलित हुए। अंत में प्रभारी पदाधिकारी, जिला उर्दू भाषा कोषांग, अररिया ने धन्यवाद ज्ञापन किया।इस कार्यक्रम को सफल बनाने में उर्दू अनुवादकों में श्री ताजीम अहमद, श्री मो० मिनहाज आलम, श्री मो० मशकूर आलम, श्री अनवर हुसैन, मो० असरारूल हक, श्रीमती सलमा रहमानी और खुशबू दिलकश और सहायक उर्दू अनुवादकों में श्री ओसामा साबिर, श्री इंतखाब पाशा, रेहान अहमद, मो० गौहर और श्रीमती गौसिया नाज और श्रीमती फरहत निगाह समेत राहिब अख्तर नि०व० लिपिक, श्री इम्तियाज अली अंसारी उ०व० लिपिक ने सक्रिय भूमिका निभाई।
रिपोर्टिंग
विकाश कुमार सिंह, सहायक ब्लॉक ब्यूरो चीफ, अररिया,बिहार