अररिया (बिहार) ◆विशिष्ट अध्यापक प्रधान शिक्षक संघ, अररिया की ओर से रविवार को नेताजी सुभाष स्टेडियम, अररिया में एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। बैठक में जिले के सैकड़ों शिक्षकों ने भाग लिया और गहन विचार-विमर्श के बाद सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया गया कि अब इस प्रकरण को लेकर माननीय पटना उच्च न्यायालय में वाद दायर किया जाएगा। बैठक में यह भी कहा गया कि यह केवल अररिया जिले की समस्या नहीं है, बल्कि पूरे बिहार के लाखों-लाख शिक्षकों से जुड़ा मुद्दा है | यदि समय रहते इस पर ठोस पहल नहीं की गई तो शिक्षक वर्ग राज्यव्यापी आंदोलन के लिए
बाध्य होगा। यदि विभाग ने शिक्षकों की इस गंभीर समस्या
का समय रहते समाधान नहीं किया, तो संघ न्यायालय के
साथ-साथ चरणबद्ध आंदोलन की भी राह अपनाएगा। इसकी
पूरी जिम्मेदारी राज्य सरकार एवं शिक्षा विभाग की होगी।
बताया गया कि सक्षमता परीक्षा उत्तीर्णता के बाद सरकार
द्वारा नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा प्रदान किया
गया। यह निर्णय लंबे संघर्ष के बाद शिक्षकों के लिए एक
उपलब्धि था। राज्यकर्मी बनने के साथ नियमावली के
अनुसार उन्हें जो वेतन मिल रहा था उनके समस्थानिक इंडेक्स के आधार पर वेतन भुगतान करना था। राज्यकर्मी बनने के
बावजूद ढ़ाई लाख शिक्षकों को वर्तमान में जो वेतन दिया जा रहा है, वह उनके पूर्व नियोजित शिक्षक रहते मिलने वाले
वेतन से भी ₹10,000 से ₹15,000 तक कम है। यह स्थिति
न केवल अनुचित है बल्कि शिक्षकों के आत्मसम्मान और
अधिकारों के साथ सीधा खिलवाड़ है। बैठक में जिला अध्यक्ष
प्रशांत कुमार, राज्य प्रतिनिधि मो माजुउद्दीन, वरीय उपाध्यक्ष
इमरान आलम, उपाध्यक्ष शम्स रेजा, कमरुजज्मा, अब्दुल
रहमान, मनोज सदा आदि मौजूद थे।
रिपोर्टिंग
विकाश कुमार सिंह, सहायक ब्लॉक ब्यूरो चीफ, अररिया,बिहार