अररिया (बिहार) ◆दुर्गा पूजा के ठीक चार दिन बाद शरद पुर्णिमा के दिन बंगाली समाज के लोगों द्वारा दुर्गा पूजा के ठीक चार दिन बाद धन धान्य की देवी मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है। इस पर्व को कोजागरी लक्खी पूजा के नाम से भी जाना जाता है। सोमवार को कोजागरी लक्ष्मी पूजा की धूम जिले में चहुँ ओर दिखी।बंगाली समुदाय के लोगों द्वारा अपने अपने घरों में पूजा अर्चना किये जाने के कारण पुरे शहर का माहौल भक्तिमय बन गया था तथा बाजारों में भी विशेष चहल पहल देखी गई।प्रसाद व पूजन सामग्री के खरीदारी के लिए बाजारों में लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी थी। इस मौके पर शहर के कई मंदिरों के साथ साथ बंगाली समुदाय के प्रायः सभी घरों में मां लक्ष्मी की प्रतिमा स्थापित कर विधिवत पूजा अर्चना की गई। पूजा को लेकर मंदिरों की आकर्षक सज्जा की गई। जबकि बंगाली समुदाय के लोगों ने अपने घरों में आकर्षक रंगोली बना कर मां का स्वागत किया। इस मौके पर मां लक्ष्मी को पानीफल
सिंघारा, ईख,मखाना, नारियल, ताल सांस सहित कई अन्य
फलों के साथ साथ खिचड़ी, मिक्स सब्जी, टमाटर चटनी,
खीर, नारियल लड्डू सहित अन्य मिठाईयों व पकवानों का
भोग लगाया। कोजागरी लक्ष्मी पूजा के दिन चांद दर्शन का
भी विशेष महत्व है। रतजगा कर चांद को निहारने की परंपरा
सदियों से चली आ रही है।
रिपोर्टिंग
अखिलेश विशवास, अररिया, बिहार