अररिया में 'बाल विवाह मुक्त भारत' अभियान की पहली वर्षगांठ पर जिला प्रशासन ने एक शपथ ग्रहण समारोहआयोजित किया

अररिया (बिहार) ◆अररिया में 'बाल विवाह मुक्त भारत' अभियान की पहली वर्षगांठ पर जिला प्रशासन ने एक शपथ ग्रहण समारोह आयोजित किया। आत्मन् सभागार में आयोजित इस कार्यक्रम में जिले को पूरी तरह बाल विवाह मुक्त बनाने का सामूहिक संकल्प लिया गया।समारोह में जिला पदाधिकारी अनिल कुमार मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। मंच पर जिला कार्यक्रम पदाधिकारी(ICDS) अररिया, अनुमंडल पदाधिकारी अररिया एवं फारबिसगंज, प्रखंड विकास पदाधिकारी, सभी बाल विकास परियोजना पदाधिकारी, प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी, प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, प्रखंड पंचायती राज पदाधिकारी सहित
जागरण कल्याण भारती और बचपन बचाओ आंदोलन के
प्रतिनिधि भी मौजूद थे।वक्ताओं ने अररिया जिले में बाल विवाह की गंभीर स्थिति पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने बताया कि यह कुप्रथा लड़कियों को कम उम्र में मां बनने, गंभीर स्वास्थ्य जोखिमों का सामना करने, शिक्षा से वंचित होने और जीवन भर गरीबी के दुष्चक्र में फंसने पर मजबूर करती है। इसके कारण जिले का समग्र मानव विकास सूचकांक प्रभावित होता है और आने वाली पीढ़ियां कमजोर होती हैं।यह भी कहा गया कि बाल विवाह केवल एक सामाजिक कुरीति नहीं, बल्कि लड़कियों के मौलिक अधिकारों का हनन है। प्रशासन का लक्ष्य 2026 तक अररिया को 100% बाल विवाह मुक्त जिला बनाना है। इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए प्रशासन, पंचायती राज संस्थाएं, शिक्षा - स्वास्थ्य विभाग और सामाजिक संगठन मिलकर काम करेंगे।कार्यक्रम के अंत में, सभी अधिकारियों और प्रतिनिधियों हर ने हाथ उठाकर शपथ ली। उन्होंने संकल्प लिया कि वे अपने-अपने क्षेत्र में बाल विवाह को पूरी तरह रोकेंगे,संदिग्ध मामले की तुरंत सूचना देंगे, जागरूकता अभियान चलाएंगे और अररिया को बाल विवाह मुक्त बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे।यह आयोजन जिले की दृढ़ इच्छाशक्ति का प्रतीक बना, जहां प्रशासन और समाज सदियों पुरानी इस कुप्रथा को जड़ से खत्म करने का संकल्प ले रहे हैं।

रिपोर्टिंग
विकाश कुमार सिंह,अररिया,बिहार