पूर्णिया में पकड़े गए 3 साइबर ठग: केवाला डाउनलोड कर डुप्लीकेट फिंगरप्रिंट से करते थे ठगी, जामताड़ा में ली थी ट्रेनिंग

पूर्णिया (बिहार) ◆ पूर्णिया के अमौर से साइबर ठगी गैंग एक नए गैंग का भंडाफोड़ हुआ है।शातिर साइबर ठग संगठित गिरोह बनाकर बैंक खाते से रुपयों की अवैध निकासी करते थे। इस मामले में अमौर से सक्रिय 3 शातिर अपराधियों को भी अरेस्ट किया गया है। पकड़े गए साइबर ठगों के पास से पुलिस ने 1लैपटॉप 3 मोबाइल, रबड़ से बना 205 फिंगरप्रिंट फिंगरप्रिंट स्कैनर, 1पिट्ठू बैग, आधार नंबर लिखे हुए कई पेज जब्त किए हैं। पकड़े गए शातिर ठगों का जामताड़ा कनेक्शन सामने आया है। खाते से अवैध निकासी के लिए बदमाशों ने ट्रेनिंग झारखंड के जामताड़ा जाकर ली थी।वहीं पुलिस गिरफ्त में आए इन शातिर साइबर ठगों की पहचानरोशन जमीर पिता- मो0 जियाउद्दीन, दूसरे की पहचान मो0 इफतखार आलम पिता-समीरूद्दीन व तीसरे साइबर ठग की पहचान राशिद आलम पिता मंजूर आलम के रूप में हुई है। सभी अमौर के ही रहने वाले बताए जा रहे हैं। पूछताछ के क्रम में शातिर साइबर ठगों ने बताया है कि उन लोगों का एक संगठित गिरोह है। जिस गिरोह में कई सदस्य कार्य करते हैं। वह लोग दूसरे राज्य का केवाला डाउनलोड करके उससे लोगों का आधार नंबर एवं फिंगरप्रिंट प्राप्त कर फर्जी तरीके से रबर के सीट पर डुप्लीकेट फिंगरप्रिंट तैयार कर AEPS के माध्यम से खाते से अवैध तरीके से पैसा की निकासी करते हैं। अमौर थाना में रविवार को प्रेस वार्ता करते हुए बायसी एसडीपीओ आदित्य कुमार ने बताया कि उन्हें गुप्त सूचना मिली कि बिशनपुर चौक पर एक इलेक्ट्रॉनिक दुकान पर कुछ लोगों के द्वारा कई दिनों से लैपटॉप पर फर्जी तरीके से दूसरे व्यक्ति का केवाला डाउनलोड कर फिंगरप्रिंट बनाकर अवैध तरीके से पैसा की निकासी की जा रही थी। जिसके बाद तीन लोगों को अरेस्ट किया गया।


रिपोर्टिंग
सुनिल कुमार यादव
स्टेट ब्यूरो चीफ, बिहार