अररिया (बिहार) ◆अररिया जिला में बाल विवाह की कुप्रथा को जड़ से खत्म करने के लिए एक अनूठा और प्रभावी अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान के तहत बुधवार , गुरूवार को अररिया जिला के विभिन्न क्षेत्र के प्रमुख धार्मिक स्थलों , जैसे मंदिर , मस्जिद , चर्च , गुरुद्वारा प्रमुख स्थलों पर जागरूकता संदेश वाले बोर्ड लगाए जा रहे हैं, जिनमें बाल विवाह न करने का आह्वान किया गया है।
यह पहल जस्ट राइट फॉर चिल्ड्रन एवं जागरण कल्याण भारती फारबिसगंज के संयुक्त प्रयासों का परिणाम है।
इसका उद्देश्य धार्मिक नेताओं, पुजारियों और मौलवियों ,फादर , ज्ञानी सरदार जी की मदद से समाज में सकारात्मक बदलाव लाना है।जागरण कल्याण भारती फारबिसगंज के अध्यक्ष संजय कुमार ने बताया कि जागरण कल्याण भारती की टीम ने जिले के प्रमुख स्थलों के 30 प्रमुख मंदिरों, मस्जिदों, गुरुद्वारों और गिरजाघरों में सूचना बोर्ड लगाए है। इन बोर्डों पर स्पष्ट रूप से लिखा गया है कि बाल विवाह एक कानूनी अपराध है, जिसके लिए दो साल की जेल और ₹1 लाख का जुर्माना हो सकता है।
इस पहल में सुल्तानी माई , जामा मस्जिद , बड़ी मस्जिद , छोटी मस्जिद , सुन्दर नाथ धाम , बाबा बागेश्वर नाथ धाम , गुरुद्वारा फारबिसगंज एवं कुआरी , चर्च फारबिसगंज एवं रानीगंज , आदि कई महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल शामिल हैं।
यह अभियान न केवल कानूनी प्रावधानों के बारे में जानकारी दे रहा है, बल्कि समाज में यह संदेश भी फैला रहा है कि धार्मिक और सामाजिक मान्यताओं में बाल विवाह का कोई स्थान नहीं है।दुर्गा पूजा के अवसर पर बाल विवाह मुक्त भारत, अररिया जिला बनाने के अभियान में दीपक कुमार पासवान ,अजय कुमार , अंकुश कुमार यादव , विक्रम साह , गणेश कुमार , एवं स्थानीय धर्मगुरु की महत्वपूर्ण भूमिका निभाई , जनमानस का भी भरपूर सहयोग मिल रहा है ,आदि सक्रिय रूप से भाग ले रहे हैं।