अररिया (बिहार) ◆आगामी दशहरा, दीपावली, छठ पर्व और विधानसभा निर्वाचन को देखते हुए प्रशासन ने सोशल मीडिया पर कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए कड़े दिशा-निर्देश जारी किए हैं। सूचना जनसंपर्क विभाग की ओर से शनिवार शाम 4 बजे जारी प्रेस रिलीज जारी किया गया। इसमें कहा है कि, सोशल मीडिया पर गलत सूचनाओं, अफवाहों और सामाजिक
समरसता को बिगाड़ने वाली सामग्री को रोकने के लिए ग्रुप
एडमिन और सदस्यों को विशेष सावधानी बरतनी होगी।प्रशासन ने निर्देश दिए हैं कि, ग्रुप एडमिन केवल वही व्यक्ति
बने जो पूर्ण जिम्मेदारी और उत्तरदायित्व लेने में सक्षम हो।
एडमिन को अपने ग्रुप के सभी सदस्यों से पूरी तरह परिचित
होना चाहिए।यदि कोई सदस्य बिना पुष्टि के समाचार, गलत बयानबाजी या सामाजिक समरसता को नुकसान पहुंचाने वाली सामग्री पोस्ट करता है, तो एडमिन को तत्काल उसका खंडन कर संबंधित सदस्य को ग्रुप से हटाना होगा ।इसकी सूचना तुरंत पुलिस को देनी होगी। यदि एडमिन कार्रवाई करने या पुलिस को सूचित करने में विफल रहता है,तो उसे भी दोषी माना जाएगा और उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।निर्देशों में स्पष्ट किया गया है कि, व्हाट्सएप, फेसबुक और
ट्विटर (एक्स) पर जातीय या धार्मिक भावनाओं को ठेस
पहुंचाने वाली टिप्पणियां, वीडियो या तस्वीरें पोस्ट करना
दंडनीय अपराध है। ऐसी सामग्री पर विवादित टिप्पणी करना
भी अपराध की श्रेणी में आएगा।दोषी पाए जाने पर आईटी एक्ट और भारतीय दंड संहिता की संबंधित धाराओं के तहत कड़ी कार्रवाई की जाएगी। प्रशासन ने जनता से अपील की है कि त्योहारों और चुनाव के दौरान शांति और सद्भाव बनाए रखने के लिए सोशल मीडिया का उपयोग जिम्मेदारी से करें ।
बिना पुष्टि के सामग्री को फॉरवर्ड करने से बचें, ताकि अफवाहों और गलत सूचनाओं पर अंकुश लगाया जा सके।
रिपोर्टिंग
अखिलेश विशवास, अररिया, बिहार