अररिया (बिहार) ◆दो दिवसीय मेला अनंत चतुर्दशी
अररिया: पलासी। प्रखंड क्षेत्र के पंचायत सोहंदर अंतर्गत बुद्धि गोशाई पुर में विष्णु भगवान मंदिर में हर्ष उल्लास के साथ अनंत चतुर्दशी व्रत मनाया गया।
अनंत चतुर्दशी का महत्व
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार इस व्रत की शुरुआत महाभारत काल में हुई थी। जब पांडव कठिन परिस्थितियों में थे, तब उन्होंने इस व्रत को किया और उनके जीवन से संकट दूर हो गए। तभी से इसे संकट हारने वाला और सुख=समृद्धि देने वाला पर्व माना जाता है।
पौराणिक मानता और 14 लोकों का रहस्य
कहां जाता है की अनंत चतुर्दशी के दिन ही भगवान विष्णु ने 14 लोकों की रचना की थी। इस दिन उन्होंने अपने ₹14 में प्रकट होकर लोकों की रक्षा का संकल्प लिया। मान्यता है की जो भक्त इस दिन व्रत रखता है और भगवान विष्णु की पूजा करता है, उसे धर्म ग्रंथो, के अनुसार 14 लोकों के सुख की प्राप्ति होती है। कांटे भगवान की कृपा से ऐसे भक्तों के जीवन में सुख=समृद्धि, यश और वैभव का आगमन होता है।
क्या है चौदह गांठ वाला अनंत सूत्र
अनंत चतुर्दशी पर व्रत रखने के बाद भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा की जाती है। पूजा के अंत में एक खास धागा बांधा जाता है, जिसमें अनंत सूत्र कहते हैं। इसमें 14 घंटे होती है। यहां प्रत्येक है भगवान विष्णु के 14 रूप और 14 लोकों की रक्षा का संकल्प। मान्यता है कि इस धागे का धरण करने से जीवन में स्थिरता, समृद्धि और सौभाग्य मिलता है। लेखक लाल मोहन चौपाल
पंडित संतोष उपाध्याय द्वारा विधि पूर्वक पूजा अर्चना की गई। मंदिर के महंत मायानंद साह देख रैक शामिल हुआ।हजारों की संख्या में श्रद्धालु गण डोरा पूजा जाने के लिए उपस्थित थी।
अनंत चतुर्दशी को सफल बनाने में मुखिया प्रतिनिधि जनार्दन साह, महेश कुमार साह, दिनेश लाल साह, योगेंद्र साह उमाकांत साह दूर दराज से आए हुए भक्तजन सक्रिय देखे गए