अररिया (बिहार) ◆बिहार विधानसभा आम निर्वाचन-2025 की तैयारियां तेज हो गई हैं। अररिया के छह विधानसभा क्षेत्रों में ईवीएम का सेकेड रैंडमाइजेशन सफलतापूर्वक संपन्न हो गया है। इस प्रक्रिया का उद्देश्य चुनाव में पारदर्शिता और निष्पक्षता सुनिश्चित करना है। यह प्रक्रिया निर्वाची पदाधिकारी की देखरेख में परमान सभागार एनआईसी में आयोजित की गई। इस दौरान सभी प्रतियोगी अभ्यर्थी, उनके प्रतिनिधि और भारत निर्वाचन आयोग की ओर से नियुक्त प्रेक्षक उपस्थित रहे। यह जानकारी सूचना जनसंपर्क विभाग द्वारा दी गई।ईवीएम का रैंडमाइजेशन चुनाव आयोग की एक महत्वपूर्ण कड़ी है, जो किसी भी छेड़छाड़ की गुंजाइश को समाप्त करती है। प्रथम रैंडमाइजेशन के बाद उपलब्ध ईवीएम को द्वितीय चरण में यादृच्छिक रूप से मतदान केंद्रवार आवंटित किया जाता है।शेष मशीनों को सुरक्षित रखा जाता है, जिनका उपयोग खराब ईवीएम के प्रतिस्थापन के रूप में किया जाता है। आयोग की वेबसाइट https://www.eci.gov.in/evm &vvpat पर देखें यह पूरी प्रक्रिया ईसीआई के ईवीएम मैनेजमेंट सिस्टम(ईएमएस) पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन संचालित होती है।विस्तृत दिशा-निर्देश 'इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन मैनुअल' में उपलब्ध हैं, जो ईसीआई की आधिकारिक वेबसाइट https://www.eci.gov.in/evm&vvpat पर देखे जा सकते हैं।आज के रैंडमाइजेशन में अररिया जिले के 46-नरपतगंज,47-रानीगंज (अनुसूचित जाति), 48 फारबिसगंज, 49-अररिया, 50-जोकीहाट और 51 - सिकटी विधानसभा क्षेत्र शामिल थे।निर्वाची पदाधिकारी ने बताया कि प्रक्रिया के दौरान सभी ईवीएम को सख्त गोपनीयता और सुरक्षा के बीच आवंटित किया गया। द्वितीय रैंडमाइजेशन पूरा होने के बाद, मतदान केंद्रवार ईवीएम की सूची और सुरक्षित मशीनों की डिटेल सभी प्रतियोगी उम्मीदवारों के साथ साझा कर दी गई। ये मशीनें मतदान दिवस पर संबंधित केंद्रों पर ही उपयोग में लाई जाएंगी, जिससे किसी प्रकार की असंगति की आशंका नहीं रहेगी। चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया है कि द्वितीय रैंडमाइजेशन का उद्देश्य ईवीएम को पूरी तरह अप्रत्याशित बनाना है। प्रथम रैंडमाइजेशन में मशीनों को विधानसभा स्तर पर वितरित किया जाता है, जबकि द्वितीय में इन्हें केंद्र - विशेष रूप से शफल किया जाता है। इससे अभ्यर्थियों को विश्वास होता है कि मशीनें निष्पक्ष हैं।