अररिया (बिहार) ◆अररिया में साल 2025 की अंतिम राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन शनिवार को व्यवहार न्यायालय परिसर में किया गया। नेशनल लीगल सर्विसेज अथॉरिटी (NALSA) के निर्देशानुसार आयोजित इस लोक अदालत का उद्देश्य लंबित मामलों का आपसी सहमति से त्वरित और सस्ता निपटारा करना था। इससे हजारों लोगों को न्याय मिलने की उम्मीद है।लोक अदालत का विधिवत शुभारंभ जिला एवं सत्र न्यायाधीश गुंजन पांडे, फैमिली कोर्ट जज अविनाश कुमार, एडीजे फर्स्ट मनोज कुमार तिवारी, ACJM सह DLSA सेक्रेटरी रोहित श्रीवास्तव और डीडीसी रोजी कुमारी ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलित कर किया। इस अवसर पर न्यायालय परिसर में वकील, न्यायिक पदाधिकारी और पक्षकार उपस्थित रहे।इस राष्ट्रीय लोक अदालत में कुल 19 बेंचों का गठन किया
गया था। इन बेंचों में न्यायिक पदाधिकारी और अनुभवी
वकील शामिल थे, जिन्होंने विभिन्न मामलों की सुनवाई की।
इन बेंचों के माध्यम से सुलहनीय आपराधिक मामले,
पारिवारिक विवाद, बैंक रिकवरी, चेक बाउंस, मोटर दुर्घटना
दावा, ट्रैफिक चालान, बिजली बिल और अन्य प्री-लिटिगेशन
मामलों का निपटारा किया गया। पक्षकारों ने सीधे बेंच के
समक्ष पहुंचकर आपसी समझौते से अपनी समस्याओं का
समाधान कराया।राष्ट्रीय लोक अदालत का मुख्य उद्देश्य न्यायालयों में लंबित मामलों का बोझ कम करना और आमजन को बिना खर्च और देरी के न्याय दिलाना है। सफल समझौते पर कोर्ट फीस वापस की जाती है। इसके अतिरिक्त, बिजली विभाग या नगर निकाय से जुड़े मामलों में छूट का लाभ भी मिलता है।डीएलएसए सेक्रेटरी रोहित श्रीवास्तव ने बताया कि लोक अदालत में पहुंचने वाले लोग अपनी समस्याओं का त्वरित समाधान प्राप्त कर संतुष्ट होकर लौटे। अररिया में पहले भीआयोजित लोक अदालतों में सैकड़ों मामले निपटाए गए
थे, और इस बार भी बड़ी संख्या में पक्षकारों की उपस्थिति
दर्ज की गई। वर्ष 2025 की यह चौथी और अंतिम राष्ट्रीय
लोक अदालत थी, जिसने न्याय व्यवस्था को सुलभ बनाने में
महत्वपूर्ण योगदान दिया।
रिपोर्टिंग
विकाश कुमार सिंह,अररिया,बिहार