अररिया (बिहार) ◆फारबिसगंज के शहरी व ग्रामीण क्षेत्र में 10 दिनों से मौसम में उतार-चढ़ाव और उमस भरी भीषण गर्मी से वायरल बुखार के मामले तेजी से बढ़े हैं। इसकी तस्दीक अनुमंडलीय अस्पताल की ओपीडी में आने वाले मरीजों की संख्या में अन्य दिनों की अपेक्षा 15 से 20 फीसदी की हुई बढ़ोतरी से हो रही है। शुक्रवार चार बजे अपराह्न तक अस्पताल के ओपीडी में कुल 288 मरीज निबंधन करा चुके थे। वहीं, छह-सात दिनों में डायरिया के लक्षण वाले 8 से 10 मरीज ओपीडी में पहुंचे हैं। डॉ. संतोष भगत का कहना है कि तेज धूप व हल्की बारिश से समस्या बढ़ रही है। चिकित्सकों के मुताबिक वायरल बुखार संक्रमण के कारण होता है। ये वायरस हवा (खांसी, छींक ),दूषित पानी, भोजन या मच्छर से फैलते हैं। डॉ. मनोज कुमार ने कहा कि बढ़ते तापमान के चलते बुखार आम समस्या है। जबकि लंबे समय तक उच्च तापमान रहने पर निर्जलीकरण से समस्या बढ़ सकती है।इधर, दस दिनों में पहले 225 से 240 मरीज अस्पताल आते थे। बीते एक सप्ताह से 5 जून को 244, छह जून को 250, जबकि 7-8 जून को अवकाश के बाद 9 जून को 327, 10 जून को 285, 11 जून को 277, 12 जून को 259 व 13 जून को चार बजे तक 288 मरीजों के ओपीडी काउंटर पर रजिस्ट्रेशन कराए जाने की जानकारी मिली है। शिशु विशेषज्ञ डॉ. रोहित कुमार चौधरी ने बताया कि गर्मी व बरसात के समय बच्चों में डायरिया की शिकायत अधिक मिलती है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक 01 से 59 माह के बीच के बच्चों की मौत का तीसरी सबसे बड़ी वजह डायरिया है। दुनिया में सालाना 5 वर्ष से कम उम्र के चार लाख से अधिक बच्चों की मौत डायरिया से होती है। वहीं, वरिष्ठ शिशु रोग चिकित्सक डॉ. आशुतोष कुमार ने बताया कि दूषित पानी, बच्चों को शौच के बाद और खाने से पहले साबुन से हाथ नहीं धोने, बासी खाना खाने, अधिक उमस वाली गर्मी आदि की वजह से भी डायरिया पांव फैला रहा है।
रिपोर्टिंग
राहुल यादव, अररिया,बिहार